१
थका -सा मन
चाहता है विश्राम
पल दो पल|
2
गीला-गीला है
पानी के दर्पण- सा
जाने क्यों मन |
थका -सा मन
चाहता है विश्राम
पल दो पल|
2
गीला-गीला है
पानी के दर्पण- सा
जाने क्यों मन |
३
पढ़ना होगा
जीवन ,फिर उसे
गढ़ना होगा |
४
झूमे ये तन
ताक धिनाधिन धीं
नाचे है मन |
५
रूप- जाल में
वासना- जंजाल में
फँसा क्यूँ प्राणी ?
पढ़ना होगा
जीवन ,फिर उसे
गढ़ना होगा |
४
झूमे ये तन
ताक धिनाधिन धीं
नाचे है मन |
५
रूप- जाल में
वासना- जंजाल में
फँसा क्यूँ प्राणी ?
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