सच का सूरज संग जो, लेकर चलेगा मान्यवर |
तपिश में उसकी वह , खुद भी जलेगा मान्यवर ||
सदियों का अनुभव ,जो बोया है वहीँ तू काटेगा |
नागफनियों से सदा काँटे मिलेगा मान्यवर |
जिसके दिल में पत्थरों- सी नफरतें बैठी हुईं,
ख़ाक उनसे प्यार का तोहफा मिलेगा ,मान्यवर |
आईना सच बोलता है और ये भी जानता ,
उसको तोहफे की जगह, तोहमत मिलेगा मान्यवर |
धर्म से निरपेक्ष होकर ,सत्य से जो कट गया ,
झूठे सपनों से नहीं, कुछ भी मिलेगा ,मान्यवर |
रेत और सीमेंट का सम्बन्ध एक -सत्रह का जब ,
कब तलक उस पुल का, जीवन चलेगा मान्यवर |
दूध तो है दूध, अपना खूं पिला के देख लें ,
आस्तीं का साँप तो केवल डंसेगा मान्यवर |
तपिश में उसकी वह , खुद भी जलेगा मान्यवर ||
सदियों का अनुभव ,जो बोया है वहीँ तू काटेगा |
नागफनियों से सदा काँटे मिलेगा मान्यवर |
जिसके दिल में पत्थरों- सी नफरतें बैठी हुईं,
ख़ाक उनसे प्यार का तोहफा मिलेगा ,मान्यवर |
आईना सच बोलता है और ये भी जानता ,
उसको तोहफे की जगह, तोहमत मिलेगा मान्यवर |
धर्म से निरपेक्ष होकर ,सत्य से जो कट गया ,
झूठे सपनों से नहीं, कुछ भी मिलेगा ,मान्यवर |
रेत और सीमेंट का सम्बन्ध एक -सत्रह का जब ,
कब तलक उस पुल का, जीवन चलेगा मान्यवर |
दूध तो है दूध, अपना खूं पिला के देख लें ,
आस्तीं का साँप तो केवल डंसेगा मान्यवर |
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