विश्वगुरू की भूमिका,चलो निभाएँ आज।
जल,थल,नभ का बन सके,भारत फिर सरताज।।
नवल वर्ष में मुल्क में,सबसे यहीं अपील।
मिलजुलकर आतंक पर,ठोंके अंतिम कील।।👍
चाहे पाकिस्तान हो,या हों स्लीपर सेल।
बरसाकर बम गोलियाँ,खत्म करें सब खेल।।
रामलला के साथ क्यों,खंड-खंड पाखंड।
अब तो तारीखें लगें,अन्यायी का दंड।।
नखरे नखरूद्दीन के,समझ चुका है देश।
भीतर से है भेड़िया,बदले बैठा वेश।।
No comments:
Post a Comment