Friday, January 25, 2019

दोहा

विश्वगुरू की भूमिका,चलो निभाएँ आज।
जल,थल,नभ का बन सके,भारत फिर सरताज।।

नवल वर्ष में मुल्क में,सबसे यहीं अपील।
मिलजुलकर आतंक पर,ठोंके अंतिम कील।।👍

चाहे पाकिस्तान हो,या हों स्लीपर सेल।
बरसाकर बम गोलियाँ,खत्म करें सब खेल।।

रामलला के साथ क्यों,खंड-खंड पाखंड।
अब तो तारीखें लगें,अन्यायी का दंड।।

नखरे नखरूद्दीन के,समझ चुका है देश।
भीतर से है भेड़िया,बदले बैठा वेश।।


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