वन्दे भारतमातरम्!मित्रो!एक कुण्डलिया हाजिर है।स्नेह सादर अपेक्षित है।
मोदी जी दीजै जरा,उनका गला मरोड़।
शादी में खर्चे अभी,जिसने कई करोड़।
जिसने कई करोड़,आज इस बुरे वक्त में।
कभी न होता भाव,विलासी,राष्ट्रभक्त में।
इनकी भी दो खोद,जैसे अन्य की खोदी।
बोलेगा हर शख्स,आज से हर हर मोदी।।
डॉ मनोज कुमार सिंह
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