खुद पर नहीं भरोसा वे, नाहक की बातें करते हैं |
विश्वासों का गला घोंट कर, शक की बातें करते हैं |
जो काबिल ,त्यागी होते हैं ,सद्कर्मों की भाषा में ,
आजीवन वे मानवता हित ,हक़ की बातें करते हैं |
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,डॉ मनोज कुमार सिंह
विश्वासों का गला घोंट कर, शक की बातें करते हैं |
जो काबिल ,त्यागी होते हैं ,सद्कर्मों की भाषा में ,
आजीवन वे मानवता हित ,हक़ की बातें करते हैं |
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,डॉ मनोज कुमार सिंह
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