कभी-कभी एक तिनका भी, भरपूर सहारा देता है |
बच्चों की खुशियाँ, जैसे कि एक गुब्बारा देता है |
खोकर भी कुछ दे जाने की, रीति अनोखी अब भी है ,
डूबकर भी सूरज दुनिया को, चाँद ,सितारा देता है |
गीत मुहब्बत के ,इंसानी रिश्तों की कुछ भेंट हमें ,
आकर मेरे गाँव आज भी, एक बंजारा देता है |
जब भी घोर अँधेरा, अपनी मनमानी करने लगता ,
एक दीप हीं अँधियारे को, चोट करारा देता है |
तूफानों ने जब भी घेरा, कश्ती को मझधारों में ,
संकल्पों का मांझी, उसको बचा किनारा देता है |
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, ,,,,,,डॉ मनोज कुमार सिंह
बच्चों की खुशियाँ, जैसे कि एक गुब्बारा देता है |
खोकर भी कुछ दे जाने की, रीति अनोखी अब भी है ,
डूबकर भी सूरज दुनिया को, चाँद ,सितारा देता है |
गीत मुहब्बत के ,इंसानी रिश्तों की कुछ भेंट हमें ,
आकर मेरे गाँव आज भी, एक बंजारा देता है |
जब भी घोर अँधेरा, अपनी मनमानी करने लगता ,
एक दीप हीं अँधियारे को, चोट करारा देता है |
तूफानों ने जब भी घेरा, कश्ती को मझधारों में ,
संकल्पों का मांझी, उसको बचा किनारा देता है |
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