Monday, May 13, 2013

वजह क्या है कि ऐसा, काम करना चाहते हो |
मुझे हर वक्त क्यूँ ,बदनाम करना चाहते हो |
मिटाकर नाम मेरा, क्यूँ समय की पट्टी से ,
बिना संघर्ष अपने, नाम करना चाहते हो |
उजालों पे हमारे, पोतकर अँधेरा क्यों ,
हमारी हसरतों की, शाम करना चाहते हो |
बोकर नागफनियाँ ,जिंदगी के आँगन में ,
फूल की सेज पर, आराम करना चाहते हो |
पीठ पर दोस्ती की ,रखकर खंजर क्यों ,
हासिल इस तरह, मुकाम करना चाहते हो |
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,डॉ मनोज कुमार सिंह

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