PRAGYA
Wednesday, May 22, 2013
जब भी ढूंढ़ा आदमी के हौसले गायब मिले |
बढ़ के आगे जुड़ने के सिलसिले गायब मिले |
गुलिस्तां में सांप जबसे आ गए हैं दोस्तों ,
हर शज़र से परिंदों के घोंसले गायब मिले |
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,डॉ मनोज कुमार सिंह
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment