#मुक्तक#
बेटा है गर चिराग,तो बेटी है रोशनी। स्नेहिल हृदय की चमचम,हीरे की इक कनी। सूरज या चाँद,तारे कुछ भी कहें इन्हें, जिस घर में बेटियाँ हैं,किस्मत का वो धनी।
डॉ मनोज कुमार सिंह
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