कुछ ख़ुशी तो कुछ गम, पसंद करते हैं |
कुछ फूल कुछ शबनम, पसंद करते हैं |
जिसे भी चाहते हैं, जिंदगी में हम यारों ,
बहुत से लोग उसको कम, पसंद करते हैं |
हाँ में हाँ मिलाने की, कला में माहिर जो ,
उसे हर बादशा हरदम, पसंद करते हैं |
मिटटी के खिलौने ,मिट्टियों में मिल चुके अब ,
बच्चे खेल में गन ,बम, पसंद करते हैं |
किसी को आदमी में ,देवता दिखता नहीं है ,
यहाँ अब लोग दैरो -हरम, पसंद करते हैं |
०००००००००००००००००००००००० डॉ मनोज कुमार सिंह
कुछ फूल कुछ शबनम, पसंद करते हैं |
जिसे भी चाहते हैं, जिंदगी में हम यारों ,
बहुत से लोग उसको कम, पसंद करते हैं |
हाँ में हाँ मिलाने की, कला में माहिर जो ,
उसे हर बादशा हरदम, पसंद करते हैं |
मिटटी के खिलौने ,मिट्टियों में मिल चुके अब ,
बच्चे खेल में गन ,बम, पसंद करते हैं |
किसी को आदमी में ,देवता दिखता नहीं है ,
यहाँ अब लोग दैरो -हरम, पसंद करते हैं |
०००००००००००००००००००००००० डॉ मनोज कुमार सिंह
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