शेर तो अब ढेर हैं?
जब चूहे को चूहा कहा
तो मेरे कपड़े कुतर डाले,
बिल्ली को कहा बिल्ली
तो गुस्से में रास्ता काट गयी,
कुत्ते को कुत्ता कहा
दिनभर भौंकता रहा मुझपर ,
शेर को कहना चाहा शेर
तो वह घबराया ,
अपने पास मुझे बुलाया,
बोला -शेर मत कहो मुझे भाई ,
अब मैं सर्कस में जोकर हूँ ,
कभी राजा था जंगल का ,
अब मालिक का अदना-सा नौकर हूँ ,
आजकल कुर्सी का खेल है ,
जिसमे हमारे जैसे प्राणी फेल हैं
भ्रष्टों को गद्दी मिलती है ,
अन्ना को जेल है ।
चूहे भी अब शेर हैं ।
शेर तो अब ढेर हैं ।
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