धरती की लय में
चाहता हूँ मैं
चिड़ियों की चहक
अक्स नन्हीं हंसी का
सपनो का एक झरना
स्पर्श -वत्सलता की चांदनी
गुनगुने शब्दों की तरलता
लोरियों में छुपी सपनो की गुदगुदाहट
वीचि -विचारों की छलक
ताकि सुन सकूँ
आत्मीय सरगम
देख सकूँ
हरिआया भविष्य
उड़ सकूँ
आकाश के कंगूरों तक
घोल सकूँ
अपनी नम आँखों में
विस्मृत रंगों और सपनो को
उग सकूँ
भूख के पेट में अन्न बनकर
बन सकूँ
कांपती दिशाओं का लिहाफ
रच- पाच जाऊं
गंध बनूँ मिट्टी की
छंद बनूँ कविता की
धरती की लय में 1
चाहता हूँ मैं
चिड़ियों की चहक
अक्स नन्हीं हंसी का
सपनो का एक झरना
स्पर्श -वत्सलता की चांदनी
गुनगुने शब्दों की तरलता
लोरियों में छुपी सपनो की गुदगुदाहट
वीचि -विचारों की छलक
ताकि सुन सकूँ
आत्मीय सरगम

हरिआया भविष्य
उड़ सकूँ
आकाश के कंगूरों तक
घोल सकूँ
अपनी नम आँखों में
विस्मृत रंगों और सपनो को
उग सकूँ
भूख के पेट में अन्न बनकर
बन सकूँ
कांपती दिशाओं का लिहाफ
रच- पाच जाऊं
गंध बनूँ मिट्टी की
छंद बनूँ कविता की
धरती की लय में 1
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