Saturday, October 20, 2012

जब भी खोईं प्यार की अनुभूतियाँ ,


जिंदगी संत्रास बन के रह गई |


जब भी खुदगर्जी समंदर-सी हुई ,

ज़िन्दगी एक प्यास बन के रह गई|

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