शब्द गुंडे भी होते हैं ,शब्द सज्जन भी होते हैं ,
हृदय की रोशनी की आँख के, अंजन भी होते हैं |
घुमड़ते जब, हमारी भावनाओं के समंदर में ,
प्रसव-सी वेदना लेकर, मनस-मंथन भी होते हैं |
हृदय की रोशनी की आँख के, अंजन भी होते हैं |
घुमड़ते जब, हमारी भावनाओं के समंदर में ,
प्रसव-सी वेदना लेकर, मनस-मंथन भी होते हैं |
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