Saturday, August 8, 2020

संक्षिप्त परिचय-डॉ मनोज कुमार सिंह


मेरा संक्षिप्त परिचय-

नाम-डॉ मनोज कुमार सिंह 

जन्मतिथि -20/02/67

ग्राम +पोस्ट-आदमपुर ,थाना-रघुनाथपुर,जिला-सिवान, बिहार |

शिक्षा - एम० ए०[ हिंदी ],बी० एड०,पी-एच ० डी० |

प्रकाशन - विभिन्न राष्ट्रीय -अन्तर्राष्ट्रीय पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित | 'नवें दशक की समकालीन हिंदी कविता :युगबोध और शिल्प ' और 'छायावादी कवियों की प्रगतिशील चेतना ' विषय पर शोधग्रंथ प्रकाशनाधीन |  

विद्यालय पत्रिका 'प्रज्ञा ' का संपादन |

हिंदी और भोजपुरी भाषा में निरंतर साहित्य लेखन।

विश्व हिंदी संस्थान,कनाडा द्वारा प्रकाशित पत्रिका 'प्रयास' का हिंदी भाषा के लिए बहुत सारे आलेखों के साथ मेरा आलेख भी संयुक्त राष्ट्र को समर्पित।

विश्व हिंदी संस्थान, कनाडा के मुख्यालय में मेरी कविता "मधुरिम भाषा है हिंदी"का डॉ सरोजनी भटनागर जी द्वारा वाचन किया गया।

सम्मान/पुरस्कार
1- नवोदय विद्यालय समिति
[मानव संसाधन विकास मंत्रालय,भारत सरकार  की
स्वायत इकाई ] द्वारा लगातार चार बार गुरुश्रेष्ठ
सम्मान /पुरस्कार से सम्मानित

2-राष्ट्रीय शोभना ब्लॉग रत्न सम्मान 2012 

3 - स्व. प्रयाग देवी प्रेम सिंह स्मृति साहित्य सम्मान 2014 

4-शैक्षणिक उपलब्धि हेतु मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा प्रशस्ति पत्र 2014-15

5-सुदीर्घ हिंदी सेवा और सांस्कृतिक अवदान हेतु प्रशस्ति-पत्र 2015

6-शैक्षणिक उत्कृष्टता हेतु नवोदय विद्यालय समिति,
(मानव संसाधन विकास मंत्रालय,भारत सरकार)द्वारा प्रशस्ति पत्र -2018-19

7-दोहा-दर्पण राष्ट्रीय साहित्यिक समूह द्वारा उत्कृष्ट दोहा लेखन के लिए लगातार पाँच बार प्रशस्ति-पत्र से सम्मानित2020

8-अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक, सांस्कृतिक और कला आगमन साहित्य समूह द्वारा उत्कृष्ट लेखन के लिए लगातार पाँच बार प्रशस्ति पत्र द्वारा सम्मानित जून 2020

9-साहित्यिक समूह *भावों के मोती * द्वारा उत्कृष्ट लेखन के लिए प्रशस्ति पत्र से सम्मानित 2020

10- साहित्य वसुधा द्वारा साहित्यिक योगदान के लिए प्रशस्ति पत्र 2020

11-रेडियो मधुबन,राजस्थान पर मेरा काव्यपाठ हुआ।

12-हिंदी काव्य कोश द्वारा उत्कृष्ट रचनात्मक लेखन के लिए प्रशस्ति-पत्र 2020

13-नवोदित साहित्यकार मंच द्वारा 'साहित्य-सृजक' सम्मान 2020

सम्प्रति- स्नातकोत्तर शिक्षक ,[हिंदी] के पद पर कार्यरत |

संपर्क - जवाहर नवोदय विद्यालय,जंगल अगही,पीपीगंज,गोरखपुर
पिन कोड-273165

 मोबाइल -  09456256597

ईमेल पता-
drmks1967@gmail.com

-"कैसे गाएँ गीत मल्हार"

शीर्षक-"कैसे गाएँ गीत मल्हार"

∆विरह-गीत∆

कैसे गाएँ गीत मल्हार।
चिढ़ाते दर्पण में शृंगार।।

लगता सूना-सूना आँगन।
यादों में तड़पे ये तन -मन।
पिया गए परदेश सखी रे,
दुश्मन-सा लागे ये सावन।
प्रणय-राग अब नहीं छेड़ते,
पायल के झनकार।
कैसे गाएँ गीत मल्हार।।

कजरी जैसे मुँह चिढ़ाती।
विरह -आग में मुझे जलाती।
नींद भई ज्यों बैरन मेरी,
रात-रात भर पास न आती,
जिस झूले पर था झूलता मन,
टूट गए सब तार।
कैसे गाएँ गीत मल्हार।।

बिंदी चूड़ी,मेंहदी, कंगन।
सावन को करते मनभावन।
जिसका पी परदेस बसा रे,
सोचो उसका कैसा जीवन?
ऊपर से नित ताना मारे,
सखियाँ नित्य हजार।
कैसे गाएँ गीत मल्हार।।